Sunday, 14 December 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Beli : 1 : 12

पवित्र बीजक  : प्रग्या बोध  : बेलि  : 1 : 12 

बेलि  : 1 : 12

बेधिन  पद  निर्बान  , हो रमैया राम ! 

शब्द  अर्थ  : 

बेधिन  = छोडना  , तहस  नहस  करना , त्याग  करना  ! पद  निर्बान  = निर्वांण  पद  , मोक्ष  पद , राम  प्राप्ती  , अंतिम  लक्ष  ! हो  रमैया राम = हे  राममय  साधु  संतो  ! 

प्रग्या  बोध : 

परमात्मा  कबीर  बेलि  के  इस  पद  में कहते है भाईयों  तुम्हार  लक्ष  निर्वाण  पद  प्राप्त  करना   है  मोक्ष  की  अवस्था  प्राप्त  करना  है  राममय  होकार  राम  होना  है  ! यह  अवस्था  निराकार निर्गुण  चेतन तत्व  राम  की अवस्था  है  जहाँ  न जन्म  मृत्यू  का  फेरा  है  न  काल  चक्र  भव  चक्र  की  उल्जन  है  , न  दुख  है  न  सुख है , न  पाप  है  न  पुण्य  है  ! वहा  केवल   पूर्ण  शांती  है  पूर्ण  सत्य  है  ! एसा  परमपद  का  लक्ष  मानव  जीवान  का  है  उसे  भूल  कर  छोड  कर  त्याग  कर  तुम  निरर्थक  बाते  क्षण  भंगुर  अहंभव  अहंकार  माया  मोह  इच्छा  तृष्णा  के  पिछे  भाग  रहे  हो  ! यह  बेकार  है  धर्म  पकडो  अधर्म  छोडो  ! वैदिक  ब्राह्मंणधर्म  अधर्म  है  विकृती  है  वह  तुम्हारे  लक्ष  मे  बाधा  है  , मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  सही  रास्ता  है  जो  तुम्हे  लक्ष  हासिल  करने  में  सहायता  के  लिये  बनाया  है  चलाना  और  लक्ष  हासिल  करना  तुम्हे ही  है  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती  
मुलभारतिय  हिन्दुधर्म विश्वपीठ प्रतिष्ठान 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान ,  शिवशृष्टी ,

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