Monday, 15 December 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Beli : 1 : 13

पवित्र बीजक  : प्रग्या बोध  : बेलि : 1 : 13

बेलि  : 1 : 13

तुम  हंसा  मन  मानिक , हो  रमैया  राम ! 

शब्द  अर्थ  : 

तुम  हंसा  =  हे  शुद्ध मानव ! मन  मानिक  =  मौल्यवान  रत्न  ! हो रमैया राम = हे  रममय  साधु  संतो  ! 

प्रग्या बोध : 

परमात्मा  कबीर  बेलि  के  इस  पद  में  कहते  है  भाईयों  तुम  शुद्ध  चेतन  तत्व  राम  हो  , बेदाग हंस जैसे  ऊजले   हो ! मानिक  मोती  जैसे  अनमोल  हो पर  तुम  तुम्हारा  असली  रूप  नही  जानते  हो  अनेक  जन्म  लेकर  माया  मोह  लालच  तृष्णा  के  कारण  तुम  अधर्म  और  पाप  कर  बैठे  हो  पर  अब  भी  समय  है  स्वरूप  को  पहचाने  का  क्यू  की  तुम  इस  समाय  दूर्लभ  मानव जन्म जीवन  में  हो  !  इसी  मानव  जीवन  में  प्रग्या  Bodh यानी  सच्चा  धर्म  ग्यान  संभव  है  ! इस  लिये  गलत  लोगोंकी  संगत  छोडो  , भेदाभेद  का  अधर्म  छोडो  ! समता  ममता भाईचारा  शिल  सदाचार का  मुलभारतिय  हिन्दूधर्म  का  पालन करो  तो  फिर  तुम्हे  तुम्हारा  सही  स्वरूप  हंस  स्वरूप  प्राप्त  होगा  ! 

धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती 
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ प्रतिष्ठान 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान,  शिवशृष्टी

No comments:

Post a Comment