Friday, 23 February 2024

कबीरवाणी

#कहरा : ८

क्षेम कुशल औ सही सलामत , कहहु कौन को दीन्हा हो

#विवेचन : 

भगवान कबीर कहरा में कहते है भाईयों बताओ संसार में सब ठीक है कुशल है मंगल है , आनंद ही आनंद है ऐसा किसका जीवन है ? कोई कहगा किसी का नही , सच है क्यू की हम मोह माया इच्छा तृष्णा कपट राग लोभ हत्या हिंसा विषमता अस्पृश्यता आदि अकुशल कर्म करते हुए जीते है तो जीवन कुशल मंगल कैसे होगा !

अपने जीने के ढंग को सुधारो अधम वैदिक ब्राह्मणधर्म की अकुशल सोच छोड़ो मूलभारतीय हिन्दूधर्म की शील सदाचार भाईचारा समता शांति अहिंसा आदि मानवीय मूल्यों वाली जिन्दगी जीवो , खुद जीवो और दूसरे को जीने तो , असमानता विषमता से भला कोई कैसे सुखी हो सकता है !

#कबीरसत्व_परमहंस_दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
#कल्याण, जिल्हा : ठाणे, महाराष्ट्र

कबीरवाणी

#कहरा : ८

आवत जात दोऊ विधि लूटे , सर्वतंग हरि लीन्हा हो 

#विवेचन : 

भगवान कबीर कहरा में कहते हैं भाइयों जन्म मृत्यु ये दोनो बाते सत्य है उन्हे न बदला जा सकता है ना इनकार कर सकते है और दोनों परिस्थिति हमारे समज के परे है ! इस लिऐ भाईयो उस चेतन राम को हमेशा याद रखें और कुशल कर्म करे अन्यथा जन्म मृत्यु के फेरे में दुख ही दुख है ! कुशल कर्म ही हमे जिंदगी जन्म मृत्यु में कुछ राहत कुछ सुकून शांति के पल दे सकता है !

#कबीरसत्व_परमहंस_दौलतराम
#जगतगुरू_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
#कल्याण , जिल्हा : ठाणे, महाराष्ट्र