पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : बेलि : 1 : 1
बेलि : 1 : 1
हंसा सरवर शरीर में , हो रमैया राम !
शब्द अर्थ :
हंसा = चेतन तत्व राम ! सरवर = विश्व , जग , शृष्टी ! शरीर = मानव शारीर ! हो रमैया राम = हे जगत चालक मालक राम !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर बेलि के इस पद में बताते है की हंस स्वरूप निराकार निर्गुण अमर अजर सर्वव्यापी सार्वभौम चालक मालक केवल एक है और वो है चेतन तत्व राम ! वो सब में है और हम सब उसमे है पर तब भी वो हम सब से अलग , शृष्टी से बाहर निराकार निर्गुण अवस्था निर्वाण या मोक्ष स्थित है और सदा सत्य न्यायी है ! मानव शरीर बडा दूर्लभ है और इसी मानव जीवन मे धर्म का प्रग्या बोध मानव को सकता है और उसका धर्म मार्ग शिल सदाचार का मुलभारतिय हिन्दूधर्म है जो कबीर साहेब उनकी पवित्र वाणी बीजक मे हमे बताते है ! कबीर साहेब कहते है भाईयों अधर्म अग्यान छोडो उस परमतत्व चेतान राम के दर्शन के कार्य में लग जावो वही मानव का अंतिम पडाव है !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दुधर्म विश्वपीठ
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