पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : बेलि : 1 : 5
बेलि : 1 : 5
आजु बसेरा नियरे , हो रमैया राम !
शब्द अर्थ :
आजु = अब ! बसेरा = रहना ! नियारे = नितांत ! हो रमैया राम = हे राम प्रियजन साधु संतो !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर बेलि के इस पद में कहते है भाईयों जो लोग निरंतर , नितांत , हमेशा चेतन तत्व निराकार निर्गुन राम के पास या साथ रहते है उनका मन इधर उधर माया मोह में भटकता नही वे सदपुरूष साधु संत भाग्यशाली है !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
मुलभारतिय हिन्दुधर्म विश्वपीठ
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