Sunday, 7 December 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Beli : 1 : 5

पवित्र बीजक :  प्रग्या बोध  : बेलि  : 1 : 5

बेलि  : 1 : 5

आजु  बसेरा  नियरे , हो  रमैया राम ! 

शब्द  अर्थ  : 

आजु  = अब  ! बसेरा  = रहना  !  नियारे  = नितांत  ! हो  रमैया  राम  = हे  राम  प्रियजन  साधु  संतो  ! 

प्रग्या बोध : 

परमात्मा  कबीर  बेलि  के  इस  पद  में  कहते  है  भाईयों  जो  लोग  निरंतर  , नितांत ,   हमेशा  चेतन तत्व  निराकार  निर्गुन  राम  के  पास  या  साथ  रहते  है  उनका  मन  इधर  उधर  माया  मोह  में  भटकता  नही  वे  सदपुरूष  साधु  संत  भाग्यशाली  है  ! 

धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती  
मुलभारतिय  हिन्दुधर्म विश्वपीठ 
कल्याण , अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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