Thursday, 4 December 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Beli : 1 : 2

पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : बेलि : 1 : 2

बेलि : 1 : 2

जागत चोर घर मूसहिं , हो रमैया राम ! 

शब्द अर्थ : 

जागत = जागते रहो , जागृत रहो ! चोर = लूटने वाला ! घर = गृह , मकान , शरीर ! हो रमैया राम = राममय साधु ,भक्त , धार्मिक व्यक्ती ! 

प्रग्या बोध : 

परमात्मा कबीर बेलि के इस पद में बताते है भाईयों गाफिल मत रहो ! यह जीवान जागृती के लिये है ! लक्ष को पाने के लिये है ! माया मोह इच्छा वासना तृष्णा अहंकार हमेशा घात लगाये बैठे रहते है , कब नजर हटी की वो अन्दर होते है और जीवन से धर्म को हटाकर अधर्म विकृती का अधिकार लाते है ! 

जीस प्रकार से चुहे , मुस घर के दिवालो मे छेद कर मकान कमजोर करते है वैसे अधर्म माया मोह अहंकार मन में भटकाव पैदा कर विचलित करते है सावधान रहो वैदिक ब्राह्मणधर्म के चुहोंसे सावधान रहो अपने मुलभारतिय हिन्दूधर्म का जागृती से पालन करो ! 

धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती 
मुलभारतिय हिन्दूधर्म विश्वपीठ 
कल्याण, अखण्ड हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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