भरोसा उठ गया क्यू
देश पुरा लूट गया क्यू
न वो थाना रहा भरोसे का
न थानेदार सिपाही भरोसे का !
न ऑफिस का अफसर
न भरोसे का वहा चपरासी
रिश्वतखोरी बढ़ गई क्यू
ईमादारी घट गई क्यू !
न मंत्री पर भरोसा
न न्यायाधिष भरोसे का
न व्होट मशीन भरोसे की
न मंत्री मंडल भरोसे का !
भरोसे से भरोसा उठ गया
अब कही सिमट गया भरोसा
न राष्ट्रपती न उप राष्ट्रपती बचे
देखा तेल लेने गया भरोसा !
छुटते देखा संविधान पर भरोसा
लूटते देखा सीमा पर भरोसा
प्रचार माध्यम ने बेचा भरोसा
चन्द पैसे से खरीदा भरोसा !
भरोसा राम पर किया
भरोसा 15 लाख पर किया
भरोसा हिन्दू राष्ट्र पर किया
उसने ब्राह्मण राज थमा दिया !
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