Monday, 8 December 2025

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Beli : 1 : 6

पवित्र बीजक  : प्रग्या बोध  : बेलि 1 : 6

बेलि  : 1 : 6

काल  बसेरा  बड़ि  दूर  , हो  रमैया  राम  ! 

शब्द  अर्थ  : 

काल  = मृत्यू   ! बसेरा  = रहना  , ठिकाण  ! बड़ि  दूर  = बहुत  दूर  ! हो  रमैया  राम  = हे  राममय  साधु  संतो  ! 

प्रग्या बोध : 

परमात्मा  कबीर  बेलि  के  इस  पद  में  कहते  है  भाईयों  बहुत  लोग  गाफिल  है  और  ना  समझ  है , निन्द  मे  है  , खयालो  है  और  उन्हे  लगता  है  की  काल  यानी  मृत्यू  बहुत  दूर  है  कोई  डरने  की  जरूरत  नही  ! आज  आच्छे  कार्य  , धर्म  कार्य , पुण्य  कार्य  करने  की  जरूरत  नही  कल  करेंगे  ! और  एसे  सोचते  सोचते  ही  कब  मृत्यू  आता  है   और  ले  जाता  है  उन्हे  समज मे  ही  नही  आता  और  बुरे  कार्य  में  ऊँहोने  पुरी  ज़िन्दागी  खो  दी  होती  है  ! कबीर  साहेब  कहते   है  भाईयों  साधु  संतो  जागो  मृत्यू  का  कोई  भरोसा  नही  कब  आ  जाये  इस  लिये  हमेशा  अच्छे  कर्म  करो  ताकी अफसोश  ना  रहे  ! 

धर्मविक्रमादित्य  कबीरसत्व परमहंस 
दौलतराम 
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती  
मुलभारतिय  हिन्दुधर्म  विश्वपीठ  प्रतिष्ठान कल्याण ,अखण्ड  हिन्दुस्तान , शिवशृष्टी

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