पवित्र बीजक : प्रग्या बोध : बेलि 1 : 6
बेलि : 1 : 6
काल बसेरा बड़ि दूर , हो रमैया राम !
शब्द अर्थ :
काल = मृत्यू ! बसेरा = रहना , ठिकाण ! बड़ि दूर = बहुत दूर ! हो रमैया राम = हे राममय साधु संतो !
प्रग्या बोध :
परमात्मा कबीर बेलि के इस पद में कहते है भाईयों बहुत लोग गाफिल है और ना समझ है , निन्द मे है , खयालो है और उन्हे लगता है की काल यानी मृत्यू बहुत दूर है कोई डरने की जरूरत नही ! आज आच्छे कार्य , धर्म कार्य , पुण्य कार्य करने की जरूरत नही कल करेंगे ! और एसे सोचते सोचते ही कब मृत्यू आता है और ले जाता है उन्हे समज मे ही नही आता और बुरे कार्य में ऊँहोने पुरी ज़िन्दागी खो दी होती है ! कबीर साहेब कहते है भाईयों साधु संतो जागो मृत्यू का कोई भरोसा नही कब आ जाये इस लिये हमेशा अच्छे कर्म करो ताकी अफसोश ना रहे !
धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस
दौलतराम
जगतगुरू नरसिंह मुलभारती
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