Saturday, 3 August 2024

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Ramaini : 43

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #रमैनी : ४३

#रमैनी : ४३

जिन्ह जिव कीन्ह आपु विश्वासा * नरक गये तेहि नरकहि बासा 
आवत जात न लागे बारा * काल अहेरी सांझ सकारा 
चौदह विद्या पढीं समुझावा * अपने मरण की खबरि न पावा 
जाने जीव को परा अंदेसा * झूठहि आय के कहा संदेसा 
संगत छाड़ी करे असरारा * उबहैं मोट नरक कर भारा 

#साखी : 

गुरु द्रोही मनमुखी, नारी पुरुष विचार /
ते नर चौरासी भरमिहैं, ज्यों लौं चन्द दिवाकार // ४३ //

#शब्द_अर्थ : 

आवत जात = जन्म मरण ! बारा = देर ! अहेरी = शिकार ! मरण = मृत्यु , अंत ! जाने जीव = ज्ञानी चतुर लोग ! संदेसा = उपदेश ! असरारा = बुरा व्यवहार , विचार ! उबहै = रखना , बताना ! माेट = पानी निकालने चमड़े की झोली ! मनमुखी = स्वेच्छाचारी ! दिवाकार = सूर्य ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर कहते है जीन लोग पर आम लोगोने विश्वास किया और ये बताया ये धर्म है , जिससे आप को सुख शांति स्वर्ग मिलेगा वो अधर्म , विकृती और नरक निकाला ! 

इन पांडे पुजारी ने कहा ये धर्म खुद भगवान , ईश्वर अल्ला ने दिया , संदेश आदेश अल्ला ईश्वर ने दिया सब झूठ है ! ये लोग मनगढंत बातो को ईश्वर अल्ला के नाम से सामान्य लोगोपर थोप कर खुद का उल्लू सीधा कर रहे हैं , दान दक्षिणा, पुण्य के नाम पर अपनी झोली भर रहे है ! ईश्वर ने कोई वर्ण , जाती उचनीच भेदाभेद अस्पृश्यता विषमता नही बनाई ना वैसा कोई आदेश संदेश दिया !

कबीर साहेब कहते है ऐसे झूठे धर्म वाले नर्कवाशी है इनका साथ संगत छोड़ो नही तो तुम भी नर्क वाहक बन जावोगे !
सदगुरु की बात मानो और अपने आदि धर्म मूलभारतीय हिन्दूधर्म को पहचानो वही सत्यधर्म बताता है जो अमर अजर है जब तक चांद सूरज रहेगा सत्यधर्म मूलभारतीय हिन्दूधर्म रहेगा क्यू की वो शील सदाचार भाईचारा समता शांति अहिंसा आदि मानवीय मूल्यों पर आधारित वैज्ञानिक समजवादी मानव हितकारी धर्म है ! 

#दौलतराम

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