Monday, 5 August 2024

Pavitra Bijak : Pragya Bodh : Ramaini : 45

#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा_बोध : #रमैनी : ४५

#रमैनी : ४५

हरणकुश रावण गौ कंसा * कृष्ण गये सर नर मुनि बंसा 
ब्रह्मा गये मर्म नहिं जाना * बड़ सब गये जे रहल सयाना 
समुज़ी न परलि राम की कहानी * निर्बक दूध कि सर्बक पानी 
रहिगौ पंथ थकित भौं पवना * दशों दिशा उजरि भौं गवाना 
मीन जाल भौं ई संसारा *  लोह की नाव पषाण को भारा 
खेवै सबै मर्म हम जानी * तैयों कहैं रहे उतरानी 

#साखी :

मछरी मुख जस केंचुआ, मुसवन महैं गिरदान /
सर्पन माहि  गहेजुआ, ऐसी जात देखि सबन की जान // ४५ //

#शब्द_अर्थ : 

निर्बक = शुद्ध ! सर्बक = पूरा ! पंथ = मार्ग, विचार ! पवना =प्राण वायु ! दशोंदिशा = दसों इंद्रियां ! उजरि = सुनसान ! केंचुआ = जमिन के कीड़े ! गिरदान = गिरगिट ! गहेजुआ = छछुंदर  ! मछरी = मच्छी , मछली  ! 

#प्रज्ञा_बोध : 

धर्मात्मा कबीर कहते है भाईयो इस संसार में बहुत पंथ धर्म मार्ग निर्माण हुवे है बड़े बड़े ताकतवर , अहंकारी और खुद को विश्व निर्माता कहने वाले ब्रह्मा और स्वयं को धर्म कहने वाले मुनि वहा तक की कृष्ण भी आये और गये पर किसीने चेतन राम का मर्म नही जाना ! शुद्ध धर्म क्या है और मिलावटी झूठे धर्म में भेद नहीं कर पाये ! कुछ ने तो विषमता अस्पृश्यता भेदभाव शोषण कोही धर्म बता दिया !  ये ऐसा हुवा जैसे लोह के डूबती नाव में ऊपर से पत्थर लाद दिए हो ! पहले की विकृति उपारसे अधर्म हो और अधमी लोग उसके रखवाले हो तो संसार में मानव कैसा जी पायेगा ?  मछली के मुख में आए केंचुआ की हालत की तरह मानव की हालत हो गई है , विदेशी वैदिक ब्राह्मणधर्म के गिरगिट और  छछुदर पांडे पुजारी लोगोको दुख दर्द और नर्क में धकेलते रहे है ! 

कबीर साहेब कहते हैं भाईयो इन गलत धर्म मार्ग पंथ से बाहर आबो मैं तुम्हे तुम्हारे सुख का मार्ग बताता हूं , वो है तुम्हारा अपना सनातन पुरातन समतावादी मानवतावादी समाजवादी वैज्ञानिक शील सदाचार भाईचारा समता शांति अहिंसा आदि मानवीय मूल्यों पर आधारित सत्य आदीधर्म मूलभारतीय हिन्दूधर्म !

#दौलतराम

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